Good news for half a dozen villages of Muzaffarpur district, administration has prepared a master plan

मुजफ्फरपुर जिले के आधा दर्जन गांवों के लिए खुशखबरी, प्रशासन ने तैयार किया मास्टर प्लान

मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में छह और गांव शामिल किए जाएंगे, जिससे कुल गांवों की संख्या 216 से बढ़कर 222 हो जाएगी। इनमें कांटी नगर परिषद के चार और माधोपुर सुस्ता नगर पंचायत के दो गांव शामिल हैं। भूमि उपयोग नियोजन में पारदर्शिता लाने के लिए सभी विभागों की भूमि के रिकॉर्ड संकलित किए जाएंगे।  

मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र आधा दर्जन और गांवों को शामिल किया जाएगा। विस्तार के बाद आयोजना क्षेत्र में शामिल गांवों की संख्या 216 से बढ़कर 222 हो जाएगी। जिन गांवों को शामिल किया जाना है, उसमें नगर परिषद कांटी के चार एवं नगर पंचायत माधोपुर सुस्ता के दो गांव है।

साथ ही सभी विभागों की भूमि (जिनका क्षेत्र आयोजन क्षेत्र के मास्टर प्लान में आता है) का खाता एवं खेसरा रिकार्ड अनिवार्य संकलित किया जाए। साथ ही, आयोजना क्षेत्र में चल रहे एवं संभावित सरकारी योजनाओं का रिकार्ड एक जगह संकलित किया जाएगा। जमीन का रिकॉर्ड एक जगह होने से यह स्पष्ट हो सकेगा कि कौन से जमीन किस विभाग की है, जिससे भूमि उपयोग नियोजन में पारदर्शिता तथा गति आएगी।

इस आशय का निर्णय गुरुवार को नगर आयुक्त एवं आयोजना क्षेत्र विकास प्राधिकार के कार्यपालक पदाधिकारी विक्रम विरकर की अगुवाई में समाहरणालय सभागार में हुई आयोजना क्षेत्र के मास्टर प्लान की तैयारी को लेकर हुई सभी विभागों की संयुक्त बैठक में लिया गया। जिला पदाधिकारी एवं आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के अध्यक्ष सुब्रत कुमार सेन के निर्देश पर इस बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में सहायक नगर योजना पर्यवेक्षक आद्या कुअर, आयोजना क्षेत्र प्राधिकार की नोडल पदाधिकारी निशात अफशा, टीसीपीओ पटना से नामित अपर्णा कुमारी एवं श्री रोहित आनंद तथा जीआईएस आधारित मास्टर प्लान निर्माण के लिए चयनित एजेंसी टेकमेक इंटरनेशनल प्रालि के निदेशक हरजीत सिंह ने बैठक में मास्टर प्लान की जानकारी बैठक में रखा।

बैठक के बाद नगर आयुक्त ने कहा कि आयोजना क्षेत्र के सतत एवं समावेशी विकास के लिए एक व्यवहारिक, डेटा आधारित एवं दीर्घकालिक मास्टर प्लान तैयार करना है। इस मास्टर प्लान के माध्यम से अगले 20 वर्षों तक शहरी तथा आसपास के अर्ध-शहरी क्षेत्रों के संतुलित विकास को दृष्टिगत रखते हुए सड़कों, जल निकासी, भवन निर्माण, पर्यावरणीय संतुलन, आवासीय एवं व्यवसायिक क्षेत्र के उपयोग को वैज्ञानिक ढंग से परिभाषित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि सभी विभागों की भूमि एवं योजनाओं का रिकॉर्ड संकलित किया जाए। इसके लिए संबंधित विभागों को शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया तथा नोडल पदाधिकारी को सभी विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करके योजनाओं से संबंधित बैठक करने के लिए भी निदेशित किया गया। बैठक में एसएसपी, एसडीओ पूर्वी एवं पश्चिमी, सभी विभागों के कार्यपालक अभियंताओं एवं विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।


		

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